मैं जिस विषय पर कहने जा रहा हूँ ,उस पर काफी चर्चाएँ होती रहती हैं |
मेरी शिकायत है उन लोगों से जो ज्योतिषियों से अपनी शादी और नौकरी की तारीख जानना चाहते हैं |मुझे शिकायत है उन लोगों से जो हर छोटे काम को करने से पहले ज्योतिषियों से सलाह लेना चाहते हैं |मुझे शिकायत है उन लोगों से जो ज्योतिष को हिन्दू धर्म का अभिन्न अंग मानते हैं |
दूसरी तरफ मेरी शिकायत ज्योतिषियों से है जो हर व्यक्ति की कुंडली देखने से पहले ॐ गणेशाय नमः कहना या लिखना नहीं भूलते | आखिर क्यों वे ऐसा लिखकर लोगों के सामने ऐसा दर्शाते हैं मानो वे कोई बहुत बड़ा धार्मिक काम कर रहे हैं |
समाज को कैसे इन गलत धारणाओं से मुक्त किया जाए ?कैसे समझाया जाए कि "हे ज्ञान कि दुनिया के तानाशाहों ! हाथ जोड़कर विनती करता हूँ तुमसे कि कम से कम ज्ञान कि इस विधा को तो बख्श दो अपने धार्मिक चंगुल से |"
मैं आह्वान करता हूँ ,देश कि उभरती ज्ञान की नई पीढ़ी से की हाथ बढ़ाएं मेरे इस पाखंड विरोधी मुहीम में और ज्ञान की इतनी उपयोगी विधि से मानव जीवन को परिचित कराएँ ताकि वैज्ञानिक तरीके से हमारी समस्याओं के निदान में ज्योतिष का उपयोग किया जा सके |
तो जनाब क्या विचार हैं ?साठ दे रहे हैं मेरा या ज्योतिष का पाखंड ही मंजूर है आपको |
04 मई 2010
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