21 जनवरी 2011

वाह रे भारत के सपूतों! गांधी की खटिया खड़ी कर दी

कल के हिंदुस्तान में पढ़ा कि एक सर्वे में पाया गया है कि लोकप्रियता में भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी से भी ज्यादा लोकप्रिय हैं |  भला हो देश के समाचार पत्रों का जिन्होंने इस खबर को कुछ इस अंदाज में पेश किया जैसे कितनी महान घटना है ये |मानो ख़ुशी से नाच उठा हो हिन्दुस्तान कि गांधी जैसे बेकार के आदमी को सचिन जैसे महान शख्स ने पछाड़ दिया हो |
                                                          भाई बात सही भी है क्योंकि समाज और देश के लिए सबकुछ कुर्बान करनेवाले लोगों कि जगह वैसे भी पागलखाने में ही है | सचिन तेंदुलकर जी का देश कि आजादी में क्या योगदान था मुझे नहीं मालूम ,शायद सर्वे करनेवाले को मालूम हो कि सचिन जी ने बल्ले के जोर से ही अंग्रेजी हुकूमत को मार भगाया हो? शायद सचिन  के बल्ले के जोर से देश कि हर भूखी नंगी जनता को भरपेट खाना नसीब होने लगा हो |वैसे देश के चंद अरबपति जानते हैं गांधी अगर याद आयेंगे तो इमानदारी याद आएगी| गांधी अगर याद आयेंगे तो देश के लिए कि हुई कुर्बानी याद आएगी |  इसीलिए नायक बनाओ एक ऐसे शख्स को जो मैदान जाकर बल्ला घुमाए और करोडो रुपये अपनी जेब में डालकर देश कि जनता में इतना लोकप्रिय हो जाए कि गांधी जैसा व्यक्ति  भी बौना दिखाई दे | वाह रे देश के सपूतों |

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