23 मई 2009

गजब है ये देश भाई ?भींगा के जूता मरना इसी को कहते हैं भाई|

खेल का तमाशा बंद हो गया भाई अब तो न जाने कितने तम्बू उखड गए ,कितने तहस नहस हो गए अरे आडवानी जी ,देश नौजवानों का है आप क्यों नही सन्यास ले लेते भाई लोक में तो प्रधानमंत्री नही बन सके शायद परलोक में जाकर ही गद्दी नसीब हो इसलिए मेरी सलाह मानिए और नागपुर जाकर संघ के आश्रम में जाकर कुछ पुण्य कमा लें अरे भाई पुनर्जन्म में तो आपका विश्वास है न फिर क्यों घबराते हैं भाई अगला जनम है ना

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