कल पता चला ,देश की सरकार डीजल का दाम सोलह रुपये बढ़ने पर विचार कर रही है |
तर्क दिया जा रहा है कि डीजल पर दी जा रही सब्सिडी का लाभ कार रखनेवाले लोग उठा रहे हैं | वाह रे ढोंगी सरकार !अब महसूस हो रहा है कि देश कि सत्ता कुछ ऐसे लोगों के हाथ में चली गई है जो देश की जनता को अपने फायदे के लिए तिल -तिल कर मरने के लिए भी मजबूर कर सकते हैं | क्या बेहूदा तर्क है -की आमिर लोग सब्सिडी का फायदा उठा रहे हैं इसलिए इसे बंद कर दिया जाए | सिर्फ पंद्रह प्रतिशत अमीर ही ऐसे हैं जिनके पास डीजल की कारें हैं |इन पंद्रह प्रतिशत लोगों को रोकने के लिए सरकार पच्चासी प्रतिशत जनता को भयंकर मंहगाई के मूंह में धकेलने को तैयार है |
इस देश के भ्रष्ट और बेईमान नौकरशाहों के पास न जाने कितने हजार करोड़ रुपये ऐयासी के लिए लिए रखे पड़े हैं वो नहीं दीखता इन सत्ताधारी भूखे भेडियों को,लेकिन एक सौ पच्चीस करोड़ रुपये जो डीजल पर सब्सिडी है ,जिसके कारण मंहगाई में भी आम भारतीय ज़िंदा रह सकता है ,लेकिन अब उसे ख़त्म करके इतनी मंहगाई बढ़ा देने की कोशिश हो रही है की आम आदमी एक जून खाना खाकर रहने के लिए विवश हो जाए |
देश की सरकार में बैठे लोगों को सावधान हो जाना चाहिए कि कहीं ऐसा न हो कि जनता बगावत कर बैठे और फ़्रांस कि राज्यक्रांति कि तरह यहाँ के भी सत्ताधारी वर्ग कि बगावत कि आग जल कर भस्म होना पड़े |
अमर भाई, बात तो चिंता की ही है। पर सरकार भी क्या करें।
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सीधे सच्चे लोग सदा दिल में उतर जाते हैं।
बदल दीजिए प्रेम की परिभाषा...
सार्थक प्रस्तुति, आभार .
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने की कृपा करें.