12 मई 2010

अपराधी कौन ?

अपराधी कौन ? ,
                            ब्रिटेन की संसद में ,कई साल पहले भाषण देते हुए एक सांसद ने कहा की समाज में  हम जिस अपराध को जानते हैं वो सिर्फ पुरे अपराध जगत का दस फीसदी हिस्सा है बाकी नब्बे प्रतिशत अपराध पर हम चर्चा ही नहीं करते |
                                                                             विख्यात समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ने एक बार कहा था कि मेरा बस चले तो मैं बच्चों की एक पार्टी बनाऊं जिसका काम सिर्फ ये हो की जब बच्चों की माँ उन्हें थप्पड़ मारें तो वे पलटकर अपनी माँ को एक तमाचा लगा दें इससे ऊपर से निचे तक जो अन्याय की कड़ी फैली हुई है वो टूट जायेगी | दरअसल लोहिया जी उस चीज के बारे में बात करना चाहते हैं जो देश के सरकारी कार्यालय या हर सार्वजनिक कार्य वाले जगहों पर जो शीर्ष अधिकारी होते हैं वो अपने नीचेवाले को डांटते हैं तो वो नीचेवाला अपने वरिष्ठ से डरा हुआ है इसलिए गर्दन नीचे करके सह लेता है और अपना गुस्सा अपने नीचेवाले पर निकालता है |अब ये क्रम चलते चलते सबसे नीचेवाले कर्मचारी तक पहुंचता है तो वो नीचेवाला अपने घर आता है |और सारा गुस्सा अपनी औरत पर निकालता है | अब औरत क्या करती है ? औरत भी चूकि अपने पति की ताकत के आगे विवश और लाचार है तो वो पति का सारा गुस्सा  अपने बच्चों पर निकालती है उन्हें मारती पिटती है |तो लोहिया जी कहते हैं की अगर बच्चा अपनी माँ के थप्पड़ का जवाब पलट कर दे दे तो औरत भी पलटेगी और अपने पति के थप्पड़ का जवाब देगी फिर पति अपने कार्यालय में अपने वरिष्ठ को जवाब देगा और  इस तरह ये अन्याय बंद होगा 
                               क्योंकि जब बच्चा अपनी माँ के गुस्से का जवाब नहीं दे पाता तो वो सडकों पर अपने गुस्से का इजहार करता है और अपराधी बन जाता है
                                            तो ये अन्याय बंद हो इसके बारे में हमें विचार करना पडेगा || 

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