23 मई 2010

प्रख्यात ब्लॉगर रविश जी का हिन्दुस्तान दैनिक में कालम पढ़ा .वे एक ऐसे ब्लॉगर कि चर्चा करते हैं जो बिहार के कोसी इलाके के एक म गाँव में अमेरिका के बिल गेट्स के दौरे की चर्चा करते हैं |सवाल एक बार फिर वही है की जिस बिहार की मिटटी से जन्मे हजारो लोग विदेशों में जाकर अरबो की संपत्ति के मालिक हैं उसी बिहार  के कोसी क्षेत्र की बदहाली की सुध जो ले रहा है वो न तो बिहारी है न हिन्दुस्तानी |
                                                                क्या करें हम ?शर्म करें या गुस्सा ?या आँख और कान बंद कर लें और आसपास क्या हो रहा है उस पर ध्यान देना बंद कर दें ?  लेकिन  अन्दर का जागरूक मानस ऐसा भी तो करने नहीं दे रहा है| 
क्यों हम अपनो के दर्द से आँखें चुराए बैठे हैं और पराये आकर हमारे अपनो के दर्द समेटने में लगे हैं |
                                   ये  बुद्ध और महावीर का देश है जहाँ त्याग और परोपकार की सबसे ज्यादा बातें हुई हैं |लेकिन क्यों उलटी शिक्षा लेते हैं हम |धन और स्त्री को पाप कहा गया है हमारे धर्मशास्त्रों  में |लेकिन हमारी  सोच का लगभग सारा हिस्सा धन और स्त्री को समर्पित है|
         धन्य हैं हम |   और धन्य है हमारा देश | 

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